भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे दिग्गज कलाकार हुए जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों पर ऐसी छाप छोड़ी जिसको मिटा पाना असंभव है। इन्हीं सितारों की फेहरिस्त में एक नाम ऐसा भी है जिसे उस ज़माने का तारा कहकर पुकारा जाता था। वो स्टार कोई और नहीं देव साहब थे।
अपनी दिलचस्प अदाकारी और रोमांचक अंदाज़ में की गई डायलॉग डिलिवरी से उन्होंने दर्शकों के दिलों पर राज किया। हालांकि, भले ही अब वे नहीं हैं हमारे बीच लेकिन उनकी फिल्में आज भी हमें उनकी कमी महसूस नहीं होने देतीं।
तकरीबन 115 फिल्मों में काम करने वाले देव आनंद साहब का फिल्मी करियर काफी दिलचस्प रहा। जी हां, इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटर्व्यू के दौरान किया था। उन्होंने अपने फिल्मी सफर के विषय में बात करने से पहले एक किस्सा सुनाया था।
दोस्त की गाड़ी से पहुंचे थे मुंबई
एक्टर ने बताया कि उन्हें एक्टिंग करना शुरुआत से ही अच्छा लगता था। वे अक्सर चोरी-चुपके फिल्में देखने जाया करते थे। फिर एक दिन उन्होंने ठान ली कि वे भी फिल्मों में काम करेंगे और अभिनेता बनेंगे। इसके लिए उन्होंने अपना घर तक छोड़ दिया था। एक्टर ने बताया था कि वे मुंबई अपने एक दोस्त की गाड़ी से पहुंचे थे। उस वक्त उनकी जेब में सिर्फ तीन रुपये थे। ना रहने को छत थी ना खाने को पैसे लेकिन जुनून भरपूर था।
धर्मेंद्र ने शेयर किया वीडियो
बता दें, देव आनंद साहब के इस साक्षात्कार को उनके परम मित्र और बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र देओल ने साझा किया है। रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो को पोस्ट करते हुए धर्मेंद्र ने लिखा कि दोस्तों, प्यारे देव साहब के बारे में बहुत प्यार के साथ कुछ’।
इस वीडियो में देव साहब अपने संघर्ष के विषय में बात करते नज़र आ रहे हैं। वे कहते हैं ‘मुझे एक्टिंग करनी थी, मैंने किसी की नहीं सुनी, पैसे तो थे नहीं तो मैं सिर्फ तीन रुपये लेकर ही मेरे एक दोस्त की गाड़ी से मुंबई पहुंच गया और इसके बाद करीब ढाई साल तक मैंने मेहनत करी’।
इसके आगे उन्होंने कहा मैं एक अच्छे कॉलेज से हूं और एक अच्छी शिक्षा, ढेर सारा आत्मविश्वास। मुझे लगता है इंसान का आत्मविश्वास ही उसकी सबसे बड़ी संपत्ति है, पैसों से भी ज्यादा उसका आत्मविश्वास है। जो व्यक्ति आपसे आापका आत्मविश्वास छीनता है, वो आपका सबसे बड़ा दुश्मन है।
अशोक कुमार ने दिया पहला ब्रेक
मालूम हो, देव आनंद साहब ने अपने करियर की शुरुआत साल 1946 में आई फिल्म ‘हम एक है’ से की थी। यह फिल्म उन दिनों बॉक्सऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। इसके बाद उस वक्त के मशहूर अभिनेता अशोक कुमार ने देव साहब को पहला ब्रेक दिया था। दरअसल, अशोक कुमार अपनी आगामी फिल्मों के लिए किसी एक्टर की तलाश कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देव आनंद को स्टूडियो में घूमते हुए देखा। इसके बाद 1948 में दो फिल्में आई पहली जिद्दी और दूसरी कामिनी कौशल। इन दोनों फिल्मों में देव साहब बतौर अभिनेता नज़र आए थे, जिसके बाद उनका करियर परवान चढ़ता गया।
सुरैया के प्यार में पड़े देव बाबू
एक के बाद उनकी एक फिल्म बॉक्सऑफिस पर कमाल करने लगी। देखते ही देखते वे लोगों के चहीते हो गए। इस बीच उनकी नज़रें उस जम़ाने की प्रसिद्ध और लोकप्रिय अदाकारा सुरैया से भी टकराईं। फिल्म के सेट पर हुई दोनों की मुलाकात पहले तो दोस्ती में तब्दील हुई बाद में प्यार बन गई। हालांकि, यह रिश्ता शादी तक नहीं पहुंच सका। कहते हैं कि सुरैया की नानी को इस रिश्ते से परहेज़ था।
‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित हुए देव साहब
बहरहाल, देव साहब ने अपने फिल्मी सफर में तमाम-उतार चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। इस बात का संदेश वे हमेशा अपनी फिल्मों से भी देते रहे। उन्हें उनकी जबरदस्त एक्टिंग के लिए वर्ष 2001 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाज़ा गया। इसके अलावा वर्ष 2002 में एक्टिंग जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
गौरतलब है, फिल्मी दुनिया का कभी ना ओझल होने वाला सितारा आखिर 3 दिसंबर 2011 को चल बसा। 88 वर्ष की आयु में देव साहब ने लंदन के एक होटल में दम तोड़ दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका निधन हार्ट अटैक से हुआ था।