सपनों की नगरी मुंबई में हर रोज जाने कितने ही युवा फिल्मों का हिस्सा बनने आते है. जिनमें कुछ चुनिंदा लोग तो अपनी मंजिल तक पहुँच जाते है. लेकिन बाकी यूं ही किस्मत को कोसकर लौट जाते है. पर कुछ लोगों के साथ एकदम उलट होता है. क्योंकि उनका सपना तो पूरा होता है.
लेकिन जो उन्होंने सोचा होता है उन्हें उसके उलट काम मिल जाता है. इन्हीं में से एक थे दिल्ली करोल बाग़ के रहने वाले शक्ति कपूर, जिन्होंने 80s के दशक में मुंबई में कदम तो हीरो बनने के लिए रखा था. लेकिन बॉलीवुड में उन्हें एक विलेन की पहचान मिली. आपको जानकार हैरानी होगी कि शक्ति कपूर ने 80 से ज्यादा फिल्मों में रे’प सीन्स किये है.
शक्ति कपूर के इं’टिमेट सीन की वजह से रिजेक्ट हो गयी थी फिल्म
फिल्मों में बखूबी विलेन का रोल निभाने वाले शक्ति कपूर अक्सर अपने विवादित सीन्स की वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते थे. उन्होंने कई फिल्मों में विवादित सीन्स भी किये थे. इनमें से उनकी एक फिल्म ‘मेरे आगोश में’ में शक्ति कपूर के विवादित सीन की वजह से फिल्म को कई महीनों तक रिलीज होने की इजाजत नहीं मिली थी.
इस विवादित सीन्स की वजह से शक्ति कपूर सवालों के घेरे में भी आ गए थे. हालाँकि धीरे-धीरे उनकी फैन फोलोइंग बढ़ने लगी थी. लोग उन्हें हीरो के बराबर इज्जत देने लगे थे. फ़िलहाल उनकी बेटी श्रद्धा कपूर भी बॉलीवुड में सुर्खियाँ बंटोर रही है. वो भी अपने पिता की भांति नाम कमा रही है.
विलेन के रूप में किया था पहली फिल्म में डेब्यू
बता दें साल 1975 में शक्ति कपूर ने फिल्म ‘रंजित खनाल’ से फ़िल्मी दुनिया में डेब्यू किया था. जिसके बाद उन्होंने लगभग हर फिल्म में विलेन के रूप में ही काम किया था. एक्टर हिंदी फिल्मों के साथ-साथ कन्नड़, बंगाली, तमिल और बांलादेशी फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का जादू चला चुके है. कपूर ने बॉलीवुड मदीने की गलियाँ, बेगुनाह, जख्मी इन्सान जैसी फ़िल्में दी है. जिसमें उन्हें विलेन के अलावा कोमेडियन के रोल्स मिले थे. इन्हीं दो रोल्स में जनता के बीच शक्ति कपूर की मोनोपॉली बन गयी थी.
विनोद खन्ना ने बिना किराए लिए रखा था अपने घर
आपको बता दें जिस समय शक्ति कपूर मुंबई में हीरो बनने आये थे. उस समय में वो पेइंग गेस्ट बनकर रहते थे. लेकिन बाद में महशूर एक्टर्स विनोद खन्ना की तरफ से शक्ति कपूर की काफी मदद मिली थी. विनोद खन्ना ने शक्ति कपूर को बिना किराए लिए पुरे पांच महीनों तक अपने घर पर पनाह दी थी.